नवरात्रि महोत्सव प्रतियोगिताएं
श्री अंजनीलाल मंदिर धाम ब्यावरा पर नवरात्रि महोत्सव के अवसर पर आयोजित प्रतियोगिता को सफल बनाने के लिए बहुत बहुत आभार। आप सभी प्रतिभागी अपना सर्टिफिकेट यहाँ से डाउनलोड कर सकते है।
श्री अंजनीलाल मंदिर धाम ब्यावरा पर नवरात्रि महोत्सव के अवसर पर आयोजित प्रतियोगिता को सफल बनाने के लिए बहुत बहुत आभार। आप सभी प्रतिभागी अपना सर्टिफिकेट यहाँ से डाउनलोड कर सकते है।
कावड़ यात्रा एक वार्षिक उत्सव है जिसमें सभी श्रद्धालु त्रिवेदी से पवित्र जल लाते हैं और 16 KM पैदल चलकर महादेव शिव को पवित्र जल चढ़ाते हैं।
श्रावण मास को वर्ष का सबसे पवित्र महीना माना जाता है। इस महीने के प्रत्येक सोमवार को श्रवण सोमवर के रूप में मनाया जाता है। जिस पर महादेव शिव की पूजा करने का बड़ा महत्व है।
श्री कृष्ण के जन्मदिन को जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है। उत्सव सुबह से शुरू होता है लेकिन वास्तविक उत्सव मध्यरात्रि 12 बजे से शुरू होता है, जो भगवान श्री कृष्ण का जन्म समय है।
श्री गणेश के जन्मदिन को गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। लोग अपने घरों में गणेश की मूर्तियां लाते हैं और 11 दिनों तक उनकी सेवा व पूजा करते हैं। और अंतिम दिन गणेश की मूर्ति को विधि विधान के साथ पानी में विसर्जित किया जाता है। यह कहकर की अगले वर्ष आप जल्दी आना।
हर साल की तरह इस साल भी हम मंदिर परिसर में स्कूल और कॉलेजों के छात्रों के लिए प्रतियोगिताओं का आयोजन कर रहे हैं। हम आपसे चाहेंगे कि इस आयोजन को और अधिक सफल बनाने के लिए बड़ी संख्या में शामिल हों।
बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में दशहरे को मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्री राम ने रावण पर विजय प्राप्त की थी। और तभी से ये तोहार मनाया जाता आ रहा है।
शरद पूर्णिमा पर भक्त भगवान को अर्पित करने के लिए पूरे दिन उपवास रखते हैं। मध्यरात्रि 12 बजे भगवान को खीरी का भोग लगाने का विशेष महत्त्व माना जाता है।
दीपावली, प्रकाश का त्योहार भारत में कई कारणों से मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्री राम 14 साल के वनवास के बाद घर वापस आए थे। सभी लोग इस दिन अपने पूरे परिवार के साथ महा लक्ष्मी जी की पूजा करते हैं। व परिवार की खुशहाली की कामना करते है।
कार्तिक शुक्ल पक्ष एकम से पूर्णिमा को उचित समय देख कर मन्दिर धाम पर अन्न कूट उत्सव मनाया जाता है। इसमे मन्दिर पर ही निर्मित छप्पन प्रकार के व्यंजनों का भगवान को भोग लगाया जाता है।
प्रति वर्ष फाल्गुन कृष्ण पक्ष की तेरस को भगवान भोले शंकर जी व माता पार्वती जी का शुभ विवाह हुआ था। इसलिये इस दिन को महा शिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है।
जैसे मां दुर्गा के लिए महा नवरात्रि मनाई जाती है। भगवान विष्णु के अवतार श्री राम के लिए नौ दिनों तक चैत्र नवरात्रि मनाई जाती है।
हर साल की तरह इस साल भी श्री राम जी की आरती में अपने पूरे परिवार के साथ शामिल हों। और राम नवमी का प्रसाद ले।
आइए हम इस वर्ष की हनुमान जन्मोत्सव के उत्सव को और अधिक भव्य और यादगार बनाएं। पुरे परिवार के साथ प्रभात फेरी में शामिल हो कर।