श्री अंजनीलाल मंदिर धाम के मुख्य तीन स्तंभ

प्रभु श्री राम मंदिर

श्री अंजनीलाल जी के मंदिर के ठीक सामने ट्रस्ट द्वारा एक भव्य विशाल एवं दर्शनीय मंदिर का निर्माण कराया गया है। जिसमे भगवान श्री राम जी, माता जानकी, श्री लक्ष्मण जी एवं श्री अंजनीलाल जी के साथ विराजमान है। मंदिर की आकृति एक भव्य राज महल के समान है जिसके बाहर एवं अन्दर श्वेत मकराना संगमरमर लगाया गया है। जिसमे कि गई सुन्दर नक्काशी, जालियां, विशाल परदे एवं फानूस मंदिर को आकर्षक रूप प्रदान करते है। भगवान की प्रतिमाएं मनमोहक है। इनके दर्शनों से मन को एक आलौकिक आनंद एवं शांति प्राप्त होती है तथा समस्त संकटो का हरण एवं मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। श्री राम मंदिर भगवान श्री अंजनीलाल जी एवम् भगवान व्दादशज्योतिर्लिगेश्वर महादेव जी के मन्दिर एवम् सभी आवश्यक भवन निर्माण के बाद भगवान ने प्रेरणा दी की अब मेरे स्वामी भगवान श्री राम जी का भव्य एवम् विशाल मन्दिर का निर्माण कराया जाये। ट्रस्ट सदस्यों ने पूर्व में ही निर्णय कर रखा था कि भगवान श्री राम जी के मन्दिर के लिये सबसे उपयुक्त स्थान भगवान श्री अंजनीलाल जी के मन्दिर ठीक सामने ही है।

श्री अंजनीलाल मंदिर

आलोकित व अद्भुत श्री अंजनी लाल जी ब्यावरा शहर के रक्षक मने जाते है। सभी नगर वासियों का यहाँ मानना है की श्री अंजनी लाल की सारण में सभी पीड़ा व संकट हरण हो जाते है। जो भी श्रद्धालु श्री अंजनी लाल मंडी धाम पर सच्चे मन से पूजा पढ़ व श्री अंजनी लाल का अनुसरण करता है। उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है।

श्री व्दादशज्योतिर्लिगेश्वर महादेव मंदिर

सौरास्त्रे सोमनाथं श्रीशैलम मल्लिकार्जुनम | उज्जयिनायनां महाकालमोनकरम् ममलेश्वरम ||

पारल्यानां वैजनाथं च दुक्ज्ञानं भीमशंकरम् | सेतुबंधे तु रमेशम् नागेशं दारुकावने ||

वरणस्यम् तु विश्वेशम् त्र्यम्बकम् गौतमी तत | हिमालय तु केदारं धृष्णेश च शिवालय ||

सुबह पथीनर में एठानी ज्योतिर्लिंगनी सप्तनामजन्मत्तमं पापं स्मरं विष्णति ||

|| इति द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तुति सम्पूर्णम ||