दर्शन
शरद पूर्णिमा पर भक्त भगवान को अर्पित करने के लिए पूरे दिन उपवास रखते हैं। मध्यरात्रि 12 बजे भगवान को खीरी का भोग लगाने का विशेष महत्त्व माना जाता है।
हर साल आश्विन शुक्ल पक्ष 14 के दिन मंदिर धाम में शरद पूर्णिमा का त्यौहार मनाया जाता है। इस दिन भक्त रात में मंदिर धाम में पूजा करते हैं। पूर्णिमा के दिन खीर बनाकर रात में 12 बजे भगवान को अर्पित की जाती है व भगवान की महा आरती सैकड़ों भक्तों के साथ की जाती है।