दर्शन
बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में दशहरे को मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्री राम ने रावण पर विजय प्राप्त की थी। और तभी से ये तोहार मनाया जाता आ रहा है।
प्रति वर्ष अश्विन शुक्ल पक्ष 10 को पूरे देश में दशहरा पर्व के रूप में मनाया जाता है।इस दिन भगवान श्री अंजनी लाल जी का चांदी के जेवरो से सजाया जाता है। दोपहर को नवरात्रि महोत्सव व अखण्ड रामायण पाठ कि हवन शान्ति होती है पूरे मन्दिर व परिसर को पुष्पों व विधुत से सजाया जाता है। श्री भगवान अंजनी लाल मन्दिर धाम के सामने ही दशहरा मैदान स्थित है जहा प्रति वर्ष रावण दहन किया जाता है इसे देखने के लिये सम्पूर्ण नगरवासी पधारते है। सभी रावण दहन के पहले या बाद भगवान के दर्शन के लिये मन ्दिर पर अवश्य पधारते हें इस दिन मन्दिर पर बटने वाले प्रसाद का प्राचीन काल से ही बड़ा महत्व है। अत: सभी नगरवासी मन्दिर धाम कि प्रसादी (बूंदी) लेकर व भगवान के दर्शन कर ही अपने घरो को प्रस्थान करते है।