दर्शन
कावड़ यात्रा एक वार्षिक उत्सव है जिसमें सभी श्रद्धालु त्रिवेदी से पवित्र जल लाते हैं और 16 KM पैदल चलकर महादेव शिव को पवित्र जल चढ़ाते हैं।
प्रति वर्ष श्रावण कृष्ण पक्ष 15 (अमावस्या) को विशाल कावड़ यात्रा का आयोजन ट्रस्ट द्वारा किया जाता है। इसमे मन्दिर धाम से करीब 16 किलोमीटर दूर स्थित सेमली धाम जहां तीन नदियों का संगम स्थल (त्रिवेणी) है। वहा प्रात: 5 बजे हजारो कि संख्या में भाई, बहने व युवा बच्चे अपनी-अपनी सुन्दर सजी हुई कावड़ लेकर ट्रस्ट, नगर पालिका व भक्त जनो के वाहनों से पहुच जाते है। वहा से ये सभी भक्त जन स्नान कर अपनी कावड़ में त्रिवेणी संगम से जल भर कर पंक्तिवध्य पैदल चल कर नगर के प्रमुख मार्गो से निकलते है। इस कावड़ यात्रा में भजन मंडलियो, बैंड बाजे व डीजे के साथ भगवान व्दादश ज्योतिर्लिंगेश्वर महादेव जी कि झाकी चलती है। यह आयोजन पूरे मालवा क्षेत्र में बहुत ही विशाल सुन्दर मनोहारी व अनुशासित कावड़ यात्रा के रूप में प्रसिद्ध है।
इस कावड़ यात्रा की लम्बाई करीब 4 किलो मीटर होती हें कावड़ यात्रा के 16 किलोमीटर की दुरी में पड़ने वाले सभी ग्राम वासी - ग्राम सेमली, दूदी, परसुलिया, कचनारिया, नगर कि सीमा में स्थित मधु मिलन सिंथेटिक्स फेक्ट्री, प्रभात ब्रेड फेक्ट्री, नगर के प्रवेश पर मुल्तानपुरा व नगर के कावड़ यात्रा मार्ग पर जगह-जगह नगर की सभी धार्मिक, सामाजिक, राजनैतिक व व्यावसायिक संस्थाओ, प्रतिष्ठानों, दुकानदारो एवं गृहणियों द्वारा कावड़ यात्रा का पुष्प वर्षा कर जल, शर्बत, ठंडाई, व फलो का वितरण कर स्वागत किया जाता है।
इस आयोजन कि एक विशेषता यह भी है कि यह नगर कि सर्व धर्म समभाव संस्कृति का परिचय देता है। जो इस कावड़ यात्रा में हर स्थान पर दिखाई पड़ता है इस कावड़ यात्रा का स्वागत हिन्दू धर्म के सभी समाजो के साथ साथ मुस्लिम सिख ईसाई व जैन धर्मो के लोगो द्वारा भी बहुत ही उत्साह, श्रद्धा व मन भावना से किया जाता है। नगर में जगह-जगह गेट बना कर बेनर व तोरण द्वार लगा कर नगर को सजाया जाता है। इसी कारण यह एक दर्शनीय आयोजन के रूप में प्रसिद्ध है।